Shayri 2020 | Best Shayri in Hindi

Anurag Sharma
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उसे शिकायत है की मै उसे समझ ना सका...
पर मुझे नाज है मै जानता ही बस उसी को हूँ...🖤


*वो खुलकर कुछ बोली ही नहीं,*

*धोखा भी धोखे से दिया उसने* 💔💔


*दोस्तों की महफ़िल सजे,  ज़माना हो गया,*

*लगता है जैसे खुल के जिए, एक ज़माना हो गया।*

*काश कहीं मिल जाए,  वो काफिला दोस्तों का,*

*ज़िंदगी जिये,  एक ज़माना हो गया।*



*ना सुबह की खबर है*
*ना शाम का पता है*
*अपने ही शहर में आजकल*
*हम लापता है*



*महफिल  थी दुआओं की  , तो मैंने भी एक दुआ मांग ली !!"*

*मेरे दोस्त  सदा खुश रहें,  मेरे साथ भी, मेरे बाद भी  !!*



*मोहब्बत  के  लिए  खूबसूरत  होने  की  कैसी  शर्त !!*
*इश्क हो जाए तो सब कुछ खूबसूरत लगने लगता है !!*
💕 🌹



💖 *नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं* *साहेब*

*हमने  तेरा  इंतजार किया है अपना समझ कर....*💖



💕_*कहेते है ..."हसते-खेलते" बीत जाये ये "जिंदगी"!*_
_*पर*_
"_*खेलना" बचपन में छुट गया*_ _*और हँसना "जिम्मेदारीयौं" ने भुलवा दिया*_.💕

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